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Speaker 0 यह Pakistan के लाहौर की तस्वीरें हैं. लाहौर में एक महिला के सिर तन से जुदा के नारे लग रहे हैं. भीड़ ने उसे घेर रखा है. लोग police वालों की भी सुनने को तैयार नहीं है. नमस्कार दोस्तों, defense detective के एक और नए episode में आप सभी का स्वागत है.
Speaker 0 मैं हूं आलोक. अगर मैं यह कहूं कि Pakistan नफरत, कट्टरपंथ और जाहिलियत की world factory है, तो गलत नहीं होगा. लाहौर का जो मैंने video आपको दिखाया, वह Pakistan की कट्टरपंथी और जाहिलियत दोनों का ताज़ातरीन सबूत है. आज के episode में मैं आपको इस video की पूरी detail बताने वाला हूं इसके साथ यह भी बताऊंगा कि मज़हब के नाम पर अंधे हो चुके Pakistan के लोग. कैसे?
Speaker 0 ना तो इस्लाम के बारे में जानते हैं, ना ही उन्हें अपने मज़हब का पता है. वह अक्कल के अंधे हैं. तालीम से उनका कोई वास्ता नहीं. दिमाग में केवल और केवल नफरत और कट्टरपंथी भरा हुआ है. ऐसा कट्टरपंथ ऐसा deradicalization जिसके आगे पाकिस्तानी सेना, पाकिस्तानी सियासत और पाकिस्तानी system घुटनों पर बैठा हुआ है.
Speaker 0 यह video एक बार फिर दोस्तों ये पाकिस्तानी शहर लाहौर का video है. रविवार की दोपहर एक मियां बीवी लाहौर के इछुरा market में घूम रहे थे. महिला ने Arabic digital print की dress पहनी हुई थी. अचानक दोनों को लोगों ने घेरना शुरू कर दिया, वह एक दुकान में घुस गए, भीड़ वहां भी पहुंच गई, सब चिल्ला रहे थे, आरोप लगा रहे थे कि महिला के कपड़ों पर कुरान की आय तेरी क्यों हुई हैं?
Speaker 1 लोग
Speaker 0 couple को घेर कर बातें सुना रहे थे बस सलूकी कर रहे the लोग aggressive होते जा रहे the ऐसा लग रहा था की भीड़ महिला को lunch कर देगी पीट पीट कर उसकी जान ले लेगी इसी beach वहां police पहुंच गई police के सामने भी लोग महिला को गोली मरने की बात कर रहे हैं आप जरा इस महिला और इसके पति का चेहरा देखिए, डर और खौफ उनके चेहरे पर साफ झलक रहा है. औरत इतनी डरी हुई है कि वह बार बार अपना चेहरा हाथों से ढक ले रही है. भीड़ के आगे उसके पति की भी आवाज़ नहीं निकल रही, वह बार बार अपनी पत्नी को, अपने पीछे छिपाने की कोशिश कर रहा है. इस भीड़ में उन्हें लोग नहीं, अपनी मौत नज़र आ रही है. Police ने लोगों को दुकान के बाहर निकाल कर shutter गिरा दिया, लेकिन तीन सौ से ज़्यादा लोगों की भीड़ बाहर जमी रही.
Speaker 0 नारे लगते रहे, सिर तन से जुदा. देखा आपने? यह है Pakistan और यह हैं Pakistan के लोग. Pakistan की आम public जो मज़हब के नाम पर इस महिला की जान लेने के लिए आमदा है Pakistan के इस जाहिल public के बारे में बात करेंगे बाद में पहले आपको बताते हैं कि इस महिला पर क्या आरोप लगे और क्यों लगे? तो जैसा कि मैंने आपको पहले बताया कि लाहौर के इसरा market में एक couple घूम रहा था.
Speaker 0 लोगों ने महिला की dress के print पर सवाल उठा दिए. सवाल यह बनता है कि भई उस महिला की dress पर आखिर लिखा क्या था? दोस्तों यह है वह dress. सफेद रंग की इस dress पर, रंग बिरंगे अल्फाज़ print है, बहुत खूबसूरत dress है. अभी dress कहां से आई?
Speaker 0 वह भी बताता हूं. इस तस्वीर को देखिए, यह तस्वीर Instagram post की है. ऊपर लिखा है शालीक रियाद. Beach में ठीक उसी dress की तस्वीर है. जैसी dress लाहौर में महिला ने पहनी थी.
Speaker 0 नीचे क्या लिखा है? वह भी देखिए. लिखा है, The Best Ramasant 2022 correction. इससे एक चीज़ तो साफ है कि, यह dress बनाकर बेची जा रही है. देखते हैं कि इसे बनाने वाला कौन है.
Speaker 0 तो Instagram के जिस post में इस dress की तस्वीर है, उसमें लिखा है Salik Riyad. Salik Saudi Arab के रियाद based एक designer brand है, जो महिलाओं के कपड़ों को design करता है और बनाता है. शिवालिक के Saudi Arab में ही कई outlets हैं. थोड़ा ध्यान दीजिएगा दोस्तों. सऊदी अरब यानी वो जगह जहां से इस्लाम की शुरुआत हुई थी भाई.
Speaker 0 मक्का मदीना जैसे Islamic पवित्र स्थल सऊदी अरब में ही है. सऊदी अरब दुनिया भर में इस्लाम का केंद्र है center है. तो यह brand जिसके, जिसके dress को लेकर Pakistan में बवाल मच रहा है वह तो सऊदी अरब से ही Pakistan पहुंचा है. यानी सऊदी अरब में इस dress पर हम कोई हंगामा नहीं मचा, कोई बवाल नहीं मचा. बवाल कहां मचा?
Speaker 0 तो जी Pakistan में और Pakistan में कहा गया कि इस dress पर कुरान की आयतें लिखी हुई हैं. एक महिला को मार डालने पर आमादा है. कह रहे थे कि उसकी dress पर कुरान की आयतें छपी हैं, जो इस्लाम की शान में गुस्ताखी है. तो क्या वाकई इस dress पर कुरान की आयतें छपी हैं? जी नहीं, मैं कोई Arabic का जानकार नहीं हूं, लेकिन reports बता रही हैं किस dress पर Arabic में हलवा लिखा हुआ है, हलवा यानी मिठाई.
Speaker 0 वैसे कुछ जानकार बता रहे हैं की इसका अर्थ मिठास या खूबसूरत भी है. BBC की यह report देखिए, इसमें भी लिखा है की dress पर arabic में हलवा लिखा हुआ है. कश्मीरी मूल के Canadian वकील Barister हामिद बशानी ने भी सवाल उठाए, की जो लोग Arabic में हलवा नहीं पढ़ पा रहे हैं, वह महिला का कत्ल करने पर आमादा थे.
Speaker 1 और तुम ज़रा यह बढ़ के तो बताओ ना कि इस पर लिखा हुआ क्या है? जिस आदमी को हलवा नहीं पड़ना था, जो Pakistan का सबसे अमीरात्रीन जो है खाना है. हां. Pakistan की जो रुजल किसान कुँवते हैं उनका सबसे important तीन तोहफा है उसको पता नहीं आता वह जाकर मज़हब के नाम पर कत्ल करने पर उतर आता है.
Speaker 0 सुना है आपने address पर अरबी में लिखा हुआ था हलवा और मज़हब के नाम पर पागल हो चुके पाकिस्तानी लोग उसे कुरान की आयतें बता रहे थे. इस्लाम का मज़ाक बता रहे थे उसकी वजह से उसे गोली मारने की बातें कर रहे थे. तीन चार सौ लोगों की भीड़ में एक भी ऐसा शख्स नहीं था जो अरबी पढ़ना जानता था. लेकिन यह सबको पता है कि dress पर कुरान की आयतें लिखी हैं. कैसे भाई जाहिलियत की भी हद है.
Speaker 0 गनीमत यह रही कि लाहौर की police की team वहां पहुंच गई. वह police team जिसकी अगुवाई AS. P सईदा शहरबानु नकवी कर रही थी. AS. P.
Speaker 0 Sharबानु पागल हो चुकी भीड़ के सामने डट कर खड़ी हो गई. जो भीड़ उस महिला को मार डालना चाह रही थी. शैहबानो एक शेरनी की तरह भीड़ और उस महिला के beach दीवार वन गई.
Speaker 2 एक बात से हम लोग इधर DSP के तौर पर serve कर रहे हैं, किसी को कोई शिकायत नहीं आई, इस तरह के बाद याद हमने तीन पूरे निभाए है, आप लोग को हम भी पूरा trust होना चाहिए.
Speaker 0 SP शहर बानो दिलेरी दिखाते हुए दुकान के अंदर गई, महिला को बुर्का पहनाया और खुद उसे लेकर भीड़ को चीरती हुई police की गाड़ी में ले गई. इस beach भीड़ महिला के सिर तन से जुदा के नारे लगाती रही. आप सोचिए Pakistan में blasphemy को लेकर कितना खौफ है. किसी ने जानने समझने की कोशिश नहीं की कि महिला के dress पर लिखा क्या है? एसपी ने भीड़ से महिला को तो बचा लिया था लेकिन दुनिया जानती है कि Pakistan में मज़हब के नाम पर पागल हो चुके लोग बाद में भी महिला को target कर सकते थे इसलिए police और महिला दोनों ने बाद में इस मामले पर सफाई दी.
Speaker 0 भले ही उसकी dress पर कुरान की आयतें नहीं लिखी थीं. उस महिला की कोई गलती नहीं थी, उस महिला की गलती इतनी थी की अरबी में लिखी हुई dress पहन ली थी लेकिन फिर भी माफी महिला को ही मांगनी पड़ी.
Speaker 3 आज जिस वाकई का हम ज़िक्र करने जा रहे हैं वह इतना है कि एक खातून अपने शौहर के साथ पिछड़ा बाज़ार आई shopping करने. उन्होंने कुर्ता पहनावा था जिसके ऊपर कुछ हरुफ लिखे हुए थे. जब हरुफ लोगों ने देखे तो उन्होंने कहा कि आप यह कुर्ता उतार दें और यह confusion create हो गई कि कहीं गुस्ताखी हो गई.
Speaker 4 तो अब मैं इत्त्ह बाज़ार गई और मैंने यह जो कुर्ता पहना था यह मैंने design समझ के लिया है मुझे नहीं पता था उस पर कुछ इस तरह का लिखा है जिससे लोग यह समझेंगे कि यह शायद कोई अरबी लिखिए. हां. और मेरी ऐसी कोई नियत नहीं थी और यह जो भी हुआ है इल्मी में हुआ है लेकिन मैं फिर भी माफ़ी मांगती हूं.
Speaker 0 देखा आपने, होना तो यह चाहिए था कि जिस गवाह ने भी dress पर लिखे अलफ़ाज़ को कुरान की आए थे, बताई थी, उस पर case दर्ज होना चाहिए था. जिन लोगों ने महिला को गोली मारने और सिर तन से जुदा करने की बात कही, उन्हें सलाखों के पीछे ठूस देना चाहिए था, लेकिन ना तो police ने ऐसा किया और ना ही उस पीड़ित महिला या परिवार ने कोई मामला दर्ज कराया. वह बस किसी तरह इस मामले को रफा दफा करना चाहते थे. यह है Pakistan का हाल.
Speaker 1 यह साबित करता है कि हमारे यहां जितना ज़्यादा जो है वह extremism आया उसकी और दिन भर दिन बढ़ता जा रहा है उसकी वजह जो है वहां पर literacy, अदालत और जाएगा ना किस्म का इल्म को भी आप इस तरीके से जो जो वहां पर फैलाया इलम के नाम पर जो कुछ फैलाया जा रहा है. उसको भी आपकी ना किसी ना किसी तरीके से इसी तरह के extremism के उसमें जो है वह डाल सकते हैं. बुनियादी तौर पर सवाल यह है कि अगर किसी ने यह पहना हुआ है कोई चीज़ ऐसी है तो यह वहां पर जो मेजबान था उसमें से एक शख्स में भी किसी में हिम्मत नहीं है. पहले police officer या दूसरे जो है कि वह जाकर उनसे बात करें कि भई यह जो आप इस तरह की हरकत कर रहे हैं जब मन में शुरू होता है ज़ाहिर है तो उस वक्त तो जो है वह चीज़ें काम की जा सकती हैं अगर कोई sensible आदमी निकलकर तो उनको कहे कि यह भई यह lefts है इसका कोई तलक नहीं है मज़हब के साथ. तो आप अगर है भी तलक तो आप कौन होते हैं कि आप लाठी लेकर खड़े होंगे.
Speaker 1 ऐसा नहीं होगा कि आपका वज़ीर ए आज़म या आपका सदर जाकर TV पर या parliament में या public जलसे में कहे गए खबरदार वह तो हो गया है अगर कोई तौहीन कर भी रहा है तो this is none of your business. जब तक यह ज़रूरत आप पैदा नहीं करेंगे और उसको यह कहेंगे कि अगर यह तौहीन कर भी रहा है तो इसके लिए हम क्यों है हमने यह जो इदारे बनाए हुए हैं हमने यह जो law enforcement agencies हैं police है लिया है यह इतना बड़ा तामझाम इसलिए खड़ा किया हुआ है कि आप लाठी लेकर निकल आते हैं और खबरदार आइंदा जो हरकत करेगा उसको इतनी सजा है तो आप देख लें कि यह मसला हमेशा के लिए खत्म हो जाए हो सकता है.
Speaker 0 वैसे तो खुशकिस्मती रही महिला की बचाने एक समझदार police officer पहुंच गई. यही कोई कट्टरपंथी सोच वाला police वाला अगर वहां जाता तो महिला का बचना नामुमकिन था. खैर महिला की जान तो किसी तरह से बच गई लेकिन हर कोई इस महिला की तरह किस्मत वाला नहीं होता. Pakistan में blasphemy के नाम पर हिंसा और कत्ल की एक बहुत लंबी फेहरिस्त है. पिछले साल August में दो Christians पर ऐसे ही blasphemy के आरोप लग गए.
Speaker 0 सोलह August को Jandaवाला में सैकड़ों हज़ारों लोगों ने चर्चों और ईसाइयों के घरों पर हमला कर दिया, कई चर्चों को जला दिया गया. घरों में भी आग लगा दी गई. December दो हज़ार इक्कीस में Pakistan के सियालकोट में एक श्रीलंकाई नागरिक को पहले तो बुरी तरह से पीटा गया और फिर उसे ज़िंदा जला दिया गया. उस पर भी blasphemy का आरोप लगाया गया था. इन दोनों ही मामलों में अभी तक यह साबित नहीं हुआ कि blasphemy हुई थी या नहीं.
Speaker 0 पूरा मामला सुनी सुनाई बातों पर depend करता है. अफवाहों पर भीड़ पागल हो उठती है और धंधा फसाद कर कर लोगों की जान तक ले डालती है. लेकिन list अभी खत्म नहीं हुई है, बोलने बैठूंगा तो हज़ारों निकल आएंगी, main main बता देता हूं. साल दो हज़ार बीस में ताहिर अहमद नसीम नाम के एक अमेरिकी citizen पर Pakistan में blasphemy के charges लगे. पेशावर court में case चल रहा था और court room में ही उसे छह गोलियां मारी गई थी.
Speaker 0 साल दो हज़ार बीस में Punjab के governor सलमान तासीर को उनके ही bodyguard ने गोली मार दी थी. सलमान Pakistan के नए blasphemy law का विरोध कर रहे थे. आपको यह भी बता दूं कि जिस bodyguard ने उनका murder किया था, कट्टरपंथी और जाहिल पाकिस्तानियों ने उसे अपना hero बना लिया था. इसीलिए Pakistan की सबसे बड़ी problem वहां के लोगों में है. उनके दिलो दिमाग में जाहिलियत है, नफरत भरी है, मज़हब के नाम पर ज़हर भरा गया है.
Speaker 0 मज़हब के नाम पर वह किसी को अभी अच्छा तो नहीं कर सकते लेकिन किसी की जान लेना उनके लिए बिल्कुल मामूली बात है. लाहौर में वह महिला भी इसलिए बच गई क्योंकि वह मुस्लिम थी. अगर वह Christian होती, अगर वह हिंदू होती, अगर वह सिख होती या किसी और religion की होती तो भीड़ को उसे कुचलने में ज़रा भी देर नहीं लगनी थी. Pakistan की सेना और वहां की सरकारें भी इस radical mindset को बढ़ावा देते हैं. Pakistan में नया blasphemy मिलाकर इसे और खतरनाक बढ़ा, बढ़ा दिया गया.
Speaker 0 जिसका बड़ा विरोध हो रहा Pakistan के भीतर minorties कर रही हैं. इस कानून से ना कि वह दूसरे villain के लोगों बल्कि शिया और अहमदियों को भी target किया जा रहा है. शिया बहुल इलाकों जैसे गिलगित बाल्टिस्तान को ही ले लीजिए. इसी वजह से कुछ महीने पहले वहां बड़ा, बहुत बड़ा बवाल मचा हुआ था. वह बवाल अभी भी जा रही है वहां पर.
Speaker 0 तनाव अभी भी है. वहां पर एक शिया धर्मगुरु पर भी blasphemy का आरोप लगाए गए थे. आप सोचिए कि Pakistan किस दोजक की तरफ बढ़ रहा है और उसका अंजाम क्या होने वाला है? आप इस घटना से समझिए, जिस देश में 98 percent एक ही religion वाली महिला safe नहीं है उसकी उसके चेहरे पर उसके आंखों में वह खौफ नज़र आ रहा था आपको तस्वीरों में देखा होगा. आप सोचिए कि वहां पर minorities का क्या हाल होता होगा?
Speaker 0 Minities के साथ क्या किया जाता है? और फिर भी पाकिस्तानी कहेंगे अरे हमारे यहां तो जी औरतों का तो हतराम ऐसा है कि जी कहिए मत, क्या करें? Video कैसी लगी? आप ज़रूर बताएं, comment कीजिए, share कीजिए और जिन लोगों ने अभी तक defense related tube को subscribe नहीं किया है भाई आपसे प्रार्थना है, channel को subscribe करिए ताकि ऐसी ही और भी खबरें आप तक पहुंच रहे. जल्दी मिलता हूं एक और नए video के साथ.
Speaker 0 नमस्कार, जय हिंद.